सोमनाथ मंदिर गुजरात का रहस्यमय ज्योती मार्ग का दिशा दर्शक बाण स्तंभ ।
बाण स्तंभ, सोमनाथ गुजरात
रहस्यमयी ज्योतिमार्ग का दिशादर्शक
आर्य भूमि अनंत काल से ही ज्ञान का अद्भुत भंडार रही है, जहां हजारों वर्षो पूर्व भी पृथ्वी और ब्रह्मांडीय संरचना की विशिष्ट जानकारी थी।
ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर प्रांगण के दक्षिणी छोर पर स्थापित बाण स्तम्भ इसी अद्भुत ज्ञान को प्रतिबिंबित करता है
बाण स्तम्भ के ऊपरी सिरे में दक्षिण की ओर इंगित करता एक तीर लगाया हुआ है जिसपर संस्कृत में लिखा गया है "आसमुद्रांत दक्षिण ध्रुव, पर्यंत अबाधित ज्योर्तिमार्ग"
अर्थात समुद्र के इस बिंदु से लेकर दक्षिणी ध्रुव तक एक ज्योति मार्ग है जिसमे कोई भी भूखंड अथवा पहाड़ नहीं है
इस दिशादर्शक स्तम्भ का उल्लेख छठवीं शताब्दी में लिखे गए कुछ प्राचीन किताबों में भी है जिससे इस दिशादर्शक के 1500 वर्ष से भी प्राचीन होने की पुष्टि होती है
हालाँकि अचंभित करने वाला तथ्य यह है कि बिना किसी नवीन प्रधौगकी के उस कालखंड में भी हमारे पूर्वजों को पृथ्वी की संरचना का विस्तृत ज्ञान था
अब हमारे पूर्वजों के इसी अद्भुत खगोलविज्ञान को दुनिया भर के वैज्ञानिकों द्वारा वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित किया जा रहा है।
अद्भुत ,अद्वितीय, अलोकिक ज्ञान की परंपरा वाली पुण्यभूमि में जन्म लेना ही सौभाग्य का विषय है.
हमारी भारतीय संस्कृति में ऐसे कई रहस्य हैं जो अभी तक सुलझे नहीं हैं ।
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