गुजरात HC के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राहुल गांधी; कहा- राहत नहीं मिली तो करियर के 8 साल बर्बाद हो जायेंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की, जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई। जिसमें सूरत ट्रायल कोर्ट के सजा आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।
अपील में कहा गया, अगर याचिकाकर्ता को राहत नहीं दी गई तो उनके राजनीति करियर के आठ साल बर्बाद हो जायेंगे।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के आधार पर, किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा पाने वाला व्यक्ति जेल की अवधि और छह साल की सजा काटने के बाद चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहेगा।
राहुल गांधी ने कहा कि पूर्णेश मोदी नामक व्यक्ति के आदेश पर उनके खिलाफ दर्ज किया गया अपराध न तो गंभीर प्रकृति का था और न ही उनके वकील पीएस सुधीर ने यह सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है कि राहुल को हाई कोर्ट के फैसले पर कोई एकतरफा रोक न मिले। इतनी कड़ी सज़ा देना "नैतिक अधमता" की श्रेणी में आता है।
राहुल गांधी को 24 मार्च 2023 को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जब गुजरात की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और आपराधिक आरोप में दो साल की कैद की सजा सुनाई।
राहुल ने शिकायतकर्ता के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब किसी राजनीतिक भाषण के दौरान कथित रूप से अपमानजनक या मानहानिकारक शब्द बोले गए हों। तो यह समझा जाना चाहिए कि यह किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पर निर्देशित किया गया है, किसी वर्ग या समुदाय के खिलाफ नहीं। उन्होंने कहा अपमानजनक भाषण या वाक्य के संबंध में, साक्ष्य अधिनियम या सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संदर्भ में कोई सबूत नहीं है जो कार्यवाही को उचित ठहराने के लिए पेश किया गया हो।