कॉल पर अश्लील बातें और ब्लैकमेल करके पैसे वसूली के बड़े मामले..

यह मामला मध्यप्रदेश के जिला छिंदवाड़ा का है जहां पत्रकारिता के नाम पर लोगों ने पैसे वसूली का धंधा चला रखा है।

कॉल पर अश्लील बातें और ब्लैकमेल करके पैसे वसूली के बड़े मामले..

हमारे देश में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है ऐसे में कुछ दरिंदे जो पत्रकारिता के क्षेत्र में कुछ खास उखाड़ नहीं पाए उन्होंने आज के युवा जिन्होंने अपने दम पर व्यवसाय शुरू किया, उन्हें झूठे मामलों में फंसा कर पैसा वसूली करने की ठान ली है।

ऐसा ही एक शर्मनाक मामला छिंदवाड़ा से सामने आया है जिसमें सचिन पांडे नाम का युवक जो अपने आप को पत्रकार बताता है उसके द्वारा किया गया है।

दरहसल पूरा मामला यह है कि काफी लंबे समय से छिंदवाड़ा जिले में निहारिका नागवंशी द्वारा एनएन रोज़गार की सेवा छिंदवाड़ा के युवाओं को दी जा रही है जिसमें ग्रेजुएट विद्यार्थियों को प्राइवेट सेक्टर में जॉब दिलवाने का अवसर प्रदान किया जाता है और इसकी पूरी प्रक्रिया भी वास्तविक तरीके से करवाई जाती है।

देखते ही देखते एनएन रोज़गार छिंदवाड़ा जिले में चर्चित भी होने लगा लेकिन सचिन पांडे को दूसरों की ऊंची उड़ान रास नहीं आई , निहारिका नागवंशी से सीख लेने के बजाय सचिन ने उनसे पैसे वसूलने की सोची साथ ही झूठा आरोप लगाते हुए कहा कि निहारिक फ्रॉड जॉब का लालच दे कर बच्चों को ठगने का काम करती है और इससे उन्होंने लाखों रुपए की ठगी कर रखी है। 

दिन प्रतिदिन सचिन निहारिका को कॉल पर धमकियां देना और पैसे वसूलने की कोशिश करता रहा लेकिन जो आरोप उसने निहारिका पर लगाए उसे सिद्ध नहीं कर पाया।

सचिन ने निहारिका को लगातार ब्लैकमेल करके लाखों रुपए लेने की कोशिश करी और जब वह पैसे वसूलने में विफल रहा तब अश्लील बातें करने पर उतारू हो गया।

यह सिलसिला पिछले कई महीनों से चलता आ रहा है लेकिन अब तक सचिन पांडे ने निहारिका पर लगाए आरोपों को सिद्ध करने में सफलता हासिल नहीं कर पाया।

साथ ही सचिन ने कुछ लोकल पत्रिकाओं में जो रजिस्टर्ड तक नहीं है , उसमें यह पूरा मामला भी झूठे तरीके से पेश करके छपवाया लेकिन उसका भी कोई फायदा सचिन को नहीं मिला। थक हार के सचिन पांडे अभी भी इसी इंतेज़ार में बैठा है कि किसी दिन वह पैसे वसूल कर ही लेगा। 

ऐसे में उन सभी युवाओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है जो खुद का व्यवसाय चला रहे है साथ ही साथ इस तरह के धमकियों और ब्लैकमैल से बचने के लिए यह पूरी जानकारी अपने नज़दीकी थाने में जा कर दे या फिर ऑनलाइन साइबर क्राइम के वेबसाइट पर जा कर यह पूरा मामला दर्ज करे।