डॉ.बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर ने संविधान के माध्यम से समता स्वतंत्रता बंधुता व न्याय पर आधारित राज्य प्रस्थापित किया *
*डॉ.बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर ने संविधान के माध्यम से समता स्वतंत्रता बंधुता व न्याय पर आधारित राज्य प्रस्थापित किया * BPS live news network छिंदवाड़ा:- संविधान निर्माता विश्वभूषण प.पु.डॉ बाबासाहब भीमराव आंबेडकर की पावन स्मृति को भावपूर्ण आदरांजलि । संविधान के शिल्पकार प.पु.डॉ.बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर जी ने शिक्षित बनो संगठित रहो संघर्ष करो का नारा बुलंद कर युवाओं,विद्यार्थियों,कमजोर वर्गों ,आम आदमी
में खुद्दारी के साथ आगे बढने एवं अपने हक व न्याय के लिये संघर्ष करने की अलख जगाई।उनका जीवन दर्शन प्रत्येक भारतीयों के लिये प्रेणादायी है ।बाबासाहब ने बुध्द धम्म के तत्वज्ञान पर आधारित समता स्वतंत्रता बंधुता व न्याय का राज्य प्रस्थापित किया है । उन्होंने सभी वर्गों के उत्थान हेतु अमूल्य योगदान दिया है । बाबासाहब के क्रांतिकारी विचारों को जन जन तक पहुँचाकर एकजुटता के साथ अम्बेडकरी मिशन का कारवां आगे बढाने की आवश्यकता है,इस आशय के विचार छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित डॉ.बाबासाहब अम्बेडकर जी की प्रतिमा स्थल पर उनके महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर भावपूर्ण आदरांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने व्यक्त किये । भारतीय बौद्ध महासभा,त्रिरत्न जन कल्याण समिति,सुजाता महिला मंडल एवं अन्य संगठनों द्वारा आयोजित महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर उपस्थित भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेश प्रवक्ता एड.रमेश लोखंडे,प्रदेश सदस्य साहित्यकार एस.आर.शेंडे,जिलाध्यक्ष नरेंद्र पाटील,उपाध्यक्ष एड.राजेश सांगोड़े,प्राचार्य पी.आर.चन्देलकर,ओबीसी महासभा के एड.देवेंद्र वर्मा,सामाजिक कार्यकर्ता योगेश सदारंग,शिव मालवी,मनोहर नारनवरे,बी.आर.सोमकुंवर,ममता सहारे आदि बौद्ध उपासक उपसिकाओं ,पत्रकार साहित्यकार,बुद्धिजीवी व अधिकारी बंधुओं ने बाबासाहब को भावपूर्ण आदरांजलि अर्पित की । अंत मे सर्वजन हितकारी संविधान को बदलने की मंशा रखने वाली प्रतिक्रियावादी ताकतों को आगाह करते हुए एस.आर.शेंडे ने ये पंक्तियां पढी - " क्राँति की मशाल बुझने नहीं देंगे, मजलूमों का हक़ छीनने नहीं देंगे, लगानी पडे चाहे जान की बाजी, भारत का संविधान बदलने नहीं देंगे "