फ्री होगा आवेदन, खर्च में 50000 तक की छूट, जानें नई हज पॉलिसी की खास बातें !

फ्री होगा आवेदन, खर्च में 50000 तक की छूट, जानें नई हज पॉलिसी की खास बातें !

फ्री होगा आवेदन, खर्च में 50000 तक की छूट, जानें नई हज पॉलिसी की खास बातें !

 नए आदेश के मुताबिक पिछली बार हज यात्रा में सामान्य हज यात्री का एवरेज खर्च 390000 था, जो इस बार घट जाएगा. इसी के साथ नियम में और कई तरह के बदलाव किए गए हैं ।

बीपीएस लाइव न्यूज ब्यूरो -

(दिनांक 8 फरवरी )नई हज पॉलिसी 2023 की सोमवार को घोषणा कर दी गई है. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने घोषणा की है । नई हज पॉलिसी में भारत सरकार ने कुछ नए बदलाव किए हैं. नई पॉलिसी के मुताबिक, हज आवेदन फ्री होगा । हज यात्रियों को 50 हजार तक की छूट मिलेगी । हज यात्रियों को छाता, चादर और सूटकेस जैसे सामान का पैसा नहीं देना होगा. जल्द हज यात्रा के फॉर्म हज यात्रियों के लिए जारी होंगे । देश में सबसे ज्यादा यूपी से हज पर जाते हैं हज यात्री. आइए हम आपको बताते हैं नई पॉलिसी की मुख्य बातें –

नए आदेश के मुताबिक, इस बार हज यात्रा के लिए आवेदन फ्री होगा. अब जाने वाले को 50000 से 60000 कम खर्च करने होंगे ।

पिछली बार हज यात्रा में सामान्य हज यात्री का एवरेज खर्च 390000 था, जो इस बार घट जाएगा ।

हज यात्रा में हाजी के ठहरने की समयावधि 40 के जगह 30 दिन का होगा. जरूरत पढ़ने पर ही 30 दिन से बढ़ाया जाएगा ।

पहले आवेदन करते वक्त सूटकेस ,छाता बैग,चादर का पैसा लिया जाता था,अब ऐसा नही होगा ,यात्री अपने हिसाब से स्वयं समान खरीद सकते हैं. इसमें भी पैसे की बचत होगी ।

इस बार 70 साल अधिक उम्र के बुजुर्ग, दिव्यांग और महिला महिलाओं को हजयात्रा में प्राथमिकता मिलेगी ।

45 साल से अधिक उम्र की कोई भी महिला इंडिविजुअली भी एप्लीकेशन दे सकती है. इससे पहले चार औरतों को साथ जाने का नियम था ।

175000 हज यात्रियों में से 80 प्रतिशत हज यात्री हज कमेटी ऑफ इंडिया के जरिए जाएंगे ।

20 फीसदी हज यात्री हज ग्रुप ऑर्गनाइजर के जरिए जाएंगे ।

इस बार 25 एमबार्गेशन पॉइंट बनाए जाएंगे. ये हाजी की मर्जी रहेगी कि वो किस एमबार्गेशन पॉइंट से जाएं

इस बार हाजी के स्वास्थ्य की जांच सिर्फ सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में होगी,प्राइवेट हॉस्पिटल की जांच मान्य नहीं होगी ।

हर राज्य की हज कमेटी से एक अधिकारी भी हज पर जाएगा ।

अब हर साल हज पॉलिसी जारी की जाएगी. पहले ये 5 साल के लिए तय किया जाता रहा है ।