सावनेर शहर में ईद ए मिलादुन्नबी का पर्व बढ़ी ही धूमधाम से मनाया गया ।

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सावनेर शहर में ईद ए मिलादुन्नबी का पर्व बढ़ी ही धूमधाम से मनाया गया ।

सावनेर : समूचे भारत समेत सावनेर शहर में भी रविवार को बड़ी ही अकीदत और मुहब्बत व उत्साह के साथ हजरत मोहम्मद पैगंबर की जयंती ईद मिलाद-उन-नबी मनाई गई । रविवार को जुलूस-ए-मोहम्मदी में अकीदमंदों का जनसैलाब उमड़ पड़ा । इसमें हजारों की संख्या में युवा, बच्चे व बुजुर्ग शामिल हुए । जुलूस में अकीदतमंद रसूल की आमद मरहबा, सरकार की आमद मरहबा, रसूल-ए-खुदा की शान अल्लाह-अल्लाह आदि के नारे बुलंद करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

सावनेर स्थानीय जामा मस्जिद से सुबह 11बजे जुलूस ए मुहम्मदिया निकाला गया ।

जुलूस होली चौक , तेलीपुरा , बाजार चौक होता हुआ गडकरी चौक , गांधी चौक , बस स्थानक होकर शहर का गस्त करते हुए जामा मस्जिद पहुंचा। 

रास्ते में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जामा मस्जिद के मौलाना (हाफिज) शराफत हुसैन इन्होने ईद -ए- मिलादुन्नबी के महत्व पर प्रकाश डाला ।

कहा कि इस्लाम पूरे विश्व को शांति का पैगाम देता है।

इस्लाम पूरे विश्व को नफरत दूर करने व अमन कायम करने का पैगाम देता है ।

इस्लाम किसी को तकलीफ नहीं देने का संदेश देता है । उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद सल्ललाहो अलैही वसल्लम ने दुनिया की सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक बुराईयों को दूर किया। महिलाओं को सम्मान दिलाया , महिलाओं को हक दिलाया । 

उन्होंने कहा कि मुसलमान दहशतगर्द नहीं हो सकता है। हजरत मोहम्मद सल्ललाहो अलैही वसल्लम ने इस्लाम मजहब के माध्यम से विश्व को शांति, भाईचारगी व वतन से मुहब्बत का पैगाम दिया है। इस्लाम तलवार से नहीं एखलाक से फैला है । अल्लाह व उसके रसूल पर बताए रास्ते पर चलकर ही दुनिया में अमन की फिजां कायम की जा सकती है । 

ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शहर में निकाले गए जुलूस-ए-मोहम्मदी का संचालन जुलूस ए मोहम्मदी कमेटी और रजा-ए -मुस्तफा कमेटी ने किया । 

मुस्लिम भाइयों द्वारा जगह जगह नाश्ते और पानी का इंतजाम किया गया । साथ ही जूलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल लोगों का जगह-जगह स्वागत हुआ । 

इस अवसर पर सावनेर शहर के समस्त मुस्लिम भाई और छोटे बच्चे एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे । 

जुलूस संचालन में पुलिस पदाधिकारियों ने कमेटी का भरपूर सहयोग किया ।

इस अवसर पर रजा ए मुस्तफा कमेटी - जामा मस्जिद के पदाधिकारी , सदस्य एवं समस्त सावनेर शहर मुस्लिम भाई उपस्थित थे ।