*बहुजन मुक्ती पार्टी*

राजनीती

*बहुजन मुक्ति पार्टी*                                                                                                                                                       
BPS LIVENEWS N-DELHI                                                                                                                                 नागपूर:-आज बहुजन मुक्ति पार्टी नागपुर जिला यूनिट की ओर से माननीय मुख्यमंत्री महाराष्ट्र राज्य तथा राज्य चुनाव आयोग महाराष्ट्र इन्ह के नाम निवासी जिलाअधिकारी विजया बनकर,,‌‌   के हाथों ज्ञापन सौंपा गया । यह ज्ञापन बहुजन मुक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष मा. अनिल बोडके के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल जिसमें अनिल नागरे, शांतारामजी वानखेडे, धीरज डोंगरे ,अंबादास लोखंडे, राजेश तामगडगे, आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।इस ज्ञापन में राज्य चुनाव आयोग द्वारा 3 फरवरी 2022 को जारी  2022 में होने वाले ग्राम पंचायत के चुनाव में गोलमटोल राजनीतिक आरक्षण का विरोध  प्रकट किया गया। जिला अध्यक्ष अनिल बोड़के जी ने बताया कि 3 फरवरी 2022 को राज्य चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायत में राजनीतिक आरक्षण के संदर्भ में जो आदेश /परिपत्रक निकाला है वह रद्द किया जाए ।क्योंकि उसमें ऐसा जिक्र है कि जिस क्षेत्र या प्रभाग में अनुसूचित जाती/ जमाती के मतदाता कम है या नहीं ऐसे क्षेत्र या प्रभाग में अनुसूचित जाति और जमाती के लिए राजनीतिक आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इस आदेश की वजह से अनुसूचित जाति और जमाती के उम्मीदवार तथा मतदाताओं के ऊपर राजनीतिक अन्याय हो रहा है।क्योंकि आरक्षित मतदार संघ के तत्व के अनुसार जिस मतदार संघ में अनुसूचित जाति या जमाती के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है वहीं पर राजनीतिक आरक्षण दिया जाता है और उसी वजह से लोग अपना सच्चा और समाज के प्रति ईमानदार प्रतिनिधि अपने मतों के द्वारा चुन कर दे सकते हैं। परंतु जिस क्षेत्र एवं विभाग में अनुसूचित जाति एवं जमाती के मतदाताओं की संख्या कम है या नहीं है उस एरिया में वह क्षेत्र आरक्षित होने की वजह से एक तो पार्टी का या फिर हाई कमांड जिस अनुसूचित जाती /जमाती के जिस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे वही उम्मीदवार चुन कर, आयेगा। इस वजह से वह समाज का सच्चा एवं इमानदार प्रतिनिधि ना रहते हुए पार्टी का गुलाम होकर काम करेगा और यह इस तरह से चुनाव जीतकर आने वाला उम्मीदवार जनता के काम करने के बजाए पार्टी एवं पार्टीप्रमुख का ही काम करेगा  । वह जनसेवक का काम नहीं करेगा   और ऐसा होने की ज्यादा संभावना ज्यादा दिखाइ दे रहीं हैं। इसीलिए प्रस्तुत आदेश तुरंत रद्द किया जाए और जिस क्षेत्र एवं प्रभाग में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मतदाता ज्यादा है वहीं पर ही राजनीतिक आरक्षण की व्यवस्था की जाए चुनाव आयोग द्वारा 3 फरवरी 2022 को निकाले गए परिपत्र को तुरंत बंद किया जाए अन्यथा बहुजन मुक्ति पार्टी की ओर से ही भी राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा इसके अलावा इस आदेश के विरोध में कानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी ऐसा बताया गया